Maruti Suzuki और Hyundai की बाजार हिस्सेदारी पिछले 12 वर्ष के निचले स्तर पर पहुंच गई है जबकि Toyota और Mahindra की market हिस्सेदारी लगातार बढ़ती जा रही है|
मारुति सुजुकी और हुंडई पिछले काफी वर्षों से इंडिया की सबसे बड़ी car निर्माता कंपनियां रही है|लेकिन इस वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में अप्रैल से सितंबर के बीच में अपने मार्केट की हिस्सेदारी में गिरावट देखी है इन लंबे समय से चली आ रही का निर्माता कंपनियों का प्रभुत्व अपने मार्केट में काम होता जा रहा है क्योंकि नई कंपनियों ने बाजार में अच्छे से पर जमा लिए हैं|
जो बाकी कंपनियां है महिंद्रा टाटा वगैरा इन्होंने भी जो छोटी cars है जो छोटे सेगमेंट की car है उनको बनाना शुरू कर दिया है इसलिए इन कंपनियों की जो है वह मार्केट शेयर है वह कम होता नजर आ रहा है| इसलिए इन दोनों car निर्माता कंपनियों की जो मार्केट हिस्सेदारी है वह इस वित्तीय वर्ष के पहले 6 में अपने पिछले 12 साल के निचले स्तर पर पहुंच चुकी
Jefferies Research के अनुसार
Maruti Suzuki और Hyundai की कारों की बिक्री में कमी के कारण :-
Jefferies Research के अनुसार पता चला है कि भारतीय बाजार में अब छोटी गाड़ियों को अब कम खरीदने लगे हैं और लोग SUV गाड़ियों को ज्यादा prefer करते हैं| एसयूवी की लोकप्रियता का बढ़ना यह एक वैश्विक घटना हैऔर जिसका प्रभाव भारत में भी देखा जा रहा है यही कारण है कि हुंडई और मारुति के प्रभुत्व के बीच में टोयोटा और महिंद्रा का मार्केट शेयर अपने उच्चतम स्तर पर है|
वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में एक भारतीय ब्रांड महिंद्रा जिसने भारतीय यात्री वाहन क्षेत्र में 12.5 परसेंट हिस्सेदारी हासिल कर ली| एसयूवी की बढ़ती मांग के कारण महिंद्रा की गाड़ियों की बिक्री में इजाफा हुआ है| भारत के अंदर SUVs का एक ऐसा सेगमेंट है जहां OEM की मजबूत उपस्थिति है महिंद्रा की तरह ही टाटा मोटर्स ने भी वित्त वर्ष 2023 में मार्केट हिस्सेदारी में 14% तक हिस्सेदारी हासिल कर ली और अपने पिछले 11 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई| हालाँकि की वर्ष 2025 की पहली छमाही में इसकी मार्केट हिस्सेदारी गिर के 13.3 परसेंटेज रह गई|
महिंद्रा की और टाटा की एसयूवी गाड़ियां जैसे महिंद्रा Thar Roxx Scorpio N टाटा सफारी और हैरियर यह अपने आप में काफी वैल्यू फॉर मनी गाड़ियां है और SUV सेगमेंट को Fullfill करती है|